
हमारी कहानी
श्री दयालु गौ-जीव-जन परमार्थ सेवा संस्थान
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह संस्था गायों, सभी जीवों और हर संभव रूप में मानवता की दयालु सेवा के लिए समर्पित है। लगभग 25 साल पहले खेड़ापा में आचार्य श्री श्री 1008 श्री पुरुषोत्तमदास जी महाराज द्वारा स्थापित, इस संस्थान की स्थापना न केवल गायों, बल्कि सभी संवेदनशील जीवों की सेवा करने की गहरी प्रतिबद्धता के साथ की गई थी।
आज यह संगठन एक भव्य संस्था के रूप में विकसित हो चुका है, जिसके केंद्र में एक विशाल गौशाला है, जो भोपालगढ़ रोड पर रामधाम से लगभग 1.5 किमी दूर स्थित है। यह गौशाला सेवा के एक जीवंत मंदिर के रूप में खड़ी है, जो असंख्य असहाय और परित्यक्त गायों की आजीवन देखभाल करने के लिए समर्पित है।
लेकिन संस्थान का दृष्टिकोण सिर्फ गौरक्षा से कहीं आगे तक जाता है।
करुणा की इसी भावना के साथ, यह समाज के कल्याण के लिए सक्रिय रूप से पहल करता है, जैसे:
रक्तदान शिविर
दिव्यांगों के लिए सहायता शिविर
सांस्कृतिक एवं मूल्य-आधारित शिक्षा कार्यशालाएँ
और कई अन्य मानवीय सेवाएं
जो लोग सेवा के इस पवित्र मिशन का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे दिए गए दान और समर्थन दिशानिर्देशों का पालन करके योगदान कर सकते हैं।
